भाईदूज ,6 नवंबर 2021 शुभ महूरत कब??

3:12 AM Posted by: Manjuji ki advice 0 comments

भाई दूज शुभ मुहूर्त-
भाई दूज 06 नवंबर 2021 , शनिवार
भाईदूज  तिलक मुहूर्त: दोपहर 01:10 मिनट से शाम 03:21 बजे तक रहेगा। 
तिलक अवधि: कुल मिलाकर 2 घंटा 11 मिनट की रहेगी। 


 
भाईदूज-: भारतवर्ष का सबसे बड़ा हिन्दू त्यौहार दीवाली है,ये 5 दिन तक मनाई जाती है.|पांचवे दिन को भाईदूज के रूप में मनाते हैं.|हिन्दू लडकिया ,महिलाएं इस दिन को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाती हैं|.इस दिन हिन्दू महिलाएं  अपने भाइयों को तिलक कर उनकी आरती उतारती हैं,औरअपने भाइयों की लम्बी उम्र और खुशहाली के लिए इस्वर से प्रार्थना करती हैं |इसे कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष के दुसरे दिन मनाते हैं.|

ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवन कृष्णा,नरकासुर के वध के बाद अपनी बहन से मिलने गए थे सुभद्रा ने उनका बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया और उनका तिलक किया,तब कृष्ण ने उन्हें ये आशीर्वाद दिया जो बहन इस दिन अपने भाई का तिलक करेगी उसकी आयु लम्बी होगी और उसपर कृष्णा जी की विशेष कृपा रहेगी |














अन्नकूट पूजा 2021??

9:52 PM Posted by: Manjuji ki advice 0 comments

गोवर्धन पूजा 2021

5 नवंबर

गोवर्धन पूजा पर्व तिथि - शुक्रवार, 5 नवंबर 2021

गोवर्धन पूजा सायं काल मुहूर्त - 

प्रतिपदा तिथि प्रारंभ - 02:44 (5 नवंबर 2021) से

प्रतिपदा तिथि समाप्त - 11:14 बजे (5 नवंबर 2021) तक

 गोवर्धन पूजा
-:दीपावली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार है।यह 5 दिनों में मनाया जाता है। 

दीवाली के एक दिन बाद,गोवर्धन पूजा के रूप में जाना जाता है।लोग इस पर्व को अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं|  इस त्यौहार का पौराणिक महत्व है| इस पर्व में प्रकृति एवं मानव का सीधा संबंध स्थापित होता है|  इस पर्व में गोधन यानी गौ माता की पूजा की जाती है| शास्त्रों में बताया गया है कि गाय उतनी ही पवित्र हैं जितना माँ गंगा का निर्मल जल|  इस दिन किसान गाय, भैंस, बकरी 

आदि की पूजा करते हैं।दूध बेचने वाले भी अपनी दूध की दुकान सजाते हैं।

वे अपने जानवरों को नहलाते हैं।और उनकी पूजा करते हैं.आज के दिन दूध नहीं बेचा जाता है.दूध से पकवान आदि बनाये जाते हैं.


गोवर्धन पूजा की कहानी-:द्वापर युग मैं जब श्री कृष्णजी जब गोकुल में लीलाएं किया करते थे एक बार श्री कृष्णा ने देवताओं के राजा इंद्र का घमंड तोड़ने के लिए,गांव के लोगों से इन्द्र की पूजा करना बंद कर दिया.

जिससे इंद्र नाराज हो गए और गोकुल गाँव पर वर्षा करना प्रारम्भ कर दी |कई दिनों की घनघोर बारिश से गोकुल गाँव डूबने लगा |

तब .कृष्णजी ने लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपने हाँथ की छोटी ऊँगली पर उठा लिया.

और सभी ग्रामवासिओं को उस गोवर्धन पर्वत के नीचे आने को कहा,जिससे सबकी रक्षा हुई |

देवताओं के राजा इंद्र ने भी हार मानने के बाद कृष्णजी  से अपने इस ब्यवहार के लिए माफ़ी मांग ली |और ये घोषणा की कि आज के दिन को गोबर्धन दिन के नाम से जाना  जाएगा |

और जो गोवर्धन की पूजा करेगा उसे जीवन में कभी परेशानी नहीं होगी,तब से ये परंपरा चली आ रही है|गोवर्धन पर्वत उठाने के कारण कृष्ण जी का एक और नाम गिरीधर पड़ा |


गोवर्धन पूजा विधि

इस पर्व में हिंदू धर्म के मानने वाले घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन जी की मूर्ति बनाकर उनका पूजन करते हैं|  इसके बाद ब्रज के साक्षात देवता माने जाने वाले भगवान गिरिराज को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अन्नकूट का भोग लगाते हैं| गाय- बैल आदि पशुओं को स्नान कराकर फूल माला, धूप, चन्दन आदि से उनका पूजन किया जाता है| गायों को मिठाई का भोग लगाकर उनकी आरती उतारी जाती है तथा प्रदक्षिणा की जाती है|  कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को भगवान के लिए भोग व यथासामर्थ्य अन्न से बने कच्चे-पक्के भोग, फल-फूल, अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ जिन्हें छप्पन भोग कहते हैं का भोग लगाया जाता है|  फिर सभी सामग्री अपने परिवार व मित्रों को वितरण कर प्रसाद ग्रहण किया जाता है|

 श्री गोवर्धन आरती

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।

तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार ।

तेरी सात कोस की परिकम्मा,
चकलेश्वर है विश्राम ।

तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल ।

तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,
तेरी झांकी बनी विशाल ।

गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण ।


अन्नकूट सब्जी  सामग्री -:

आलू , बैगन, फूल गोभी , सेम , सैगरी , गाजर, मूली ,  टिन्डे, अरबी,  भिन्डी, परवल , शिमला,  मिर्च  ,  लौकी   कच्चा , केला,  कद्दू , टमाटर |

मसाला

अदरक ,हरी मिर्च ,हरी मैथी ,तेल ,हींग ,जीरा ,हल्दी पाउडर,धनियां पाउडर,लाल मिर्च,अमचूर पाउडर,गरममसाला ,नमक ,हरा धनियां ,


अन्नकूट बनाने की विधि - 


सभी सब्जियों को साफ पानी से धो लें उसके बाद सभी का पानी सूख जाने दें फिर सभी सब्जियों को काट लें फिर एक काढ़ाई को गैस में रख के उसमें तेल डाले तेल गर्म होने के बाद उसमें जीरा डालकर गर्म कर लें उसके बाद उसमें कटे अदरक, हरी मिर्च डालकर हल्का लाल होने तक पका लें फिर टमाटर पकने दें टमाटर जब पक जाए तो सारी सब्जियों को एक साथ डाल दें फिर स्वादानुसार नमक का इस्तेमाल करें उसके बाद जब सब्जियां हल्की पक जाएं तो उसमें सारे मसाले पाउडर डाल दें. उसके बाद जब सब्जी पक जाए तो उसमें हरी धनिया डाल कर सब्जी को गैस से उतार लें. लो बनकर तैयार है आपकी अन्नकूट की सब्जी.

जय श्री कृष्णा....

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हर ख़ुशी आपके द्वार आये ,

हर गम आपसे दूर चला जाए |

                                 गोवर्धन पूजा में कृष्णा की कृपा पाएं

और ये त्यौहार, ख़ुशी से मनाये.

गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं 2021

💓 😅😇😑😛

गोवर्धन पूजा के इस पावन अवसर पर

आपको और आपके परिवार को ढेरों शुभकामनाएं.

                                happy goverdhan pooja 2021





























शरद पूर्णिमा ,अमृत बरसने की रात ??

9:34 PM Posted by: Manjuji ki advice 0 comments




शरद पूर्णिमा 
कब-:शरद पूर्णिमा अर्थात फुल मून डे इस बार दो दिन है 30 और 31 अक्टूबर |शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा कहते हैं। इसलिए इस दिन महालक्ष्मी की पूजा भी की जाती है। इस में शरद पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा से बहुत ही शुभ फल प्राप्त होगा। यही नहीं इस बार पूर्णिमा पर सवार्थसिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है, जो बहुत ही उत्तम योग है।



शरद पूर्णिमा क्यों मनाते हैं-: ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय महा अश्विन महीने की पूर्णिमा पर मंथन से महालक्ष्मी प्रकट हुईं। यही वजह है कि इस दिन महालक्ष्मी का पूजन किया जाता है। इस दिन रात्रि में महालक्ष्मी रात्रि में विचरण करती हैं और जो जागकर माता रानी का ध्यान करता है, उनकी मुरादें पूरी करती हैं।

शरद पूर्णिमा महत्व-:ऐसी मान्यता है कि इस दिन रात्रि में अमृत वर्षा होती है,इसलिए हिन्दू धर्म के लोग खीर बना कर अपने घर की छत पर रख देते हैं रात्रि में चन्द्रमा की चांदनी मैं अमृत बरसता है,सुबह सभी लोग इस खीर को ग्रहण करते हैं|

शरद पूर्णिमा खीर बनाने की विधि-:

सामग्रीचावल , चीनी , किशमिश , हरी इलायची, बादाम

विधि

  • 1.पैन में चावल और दूध को उबाल लें।
  • 2.हल्की आंच पर तब तक पकाएं जब तक चावल पक न जाए और दूध गाड़ा न हो जाए।
  • 3.इसके बाद इसमें इलायची पाउडर, चीनी और किशमिश मिलाएं।
  • 4.इसे लगातार तब तक चलाएं जब तक चीनी पूरी तरह न घुल जाए।
  • 5.गार्निशिंग के लिए बादाम और पिस्ता का इस्तेमाल करें।
  • 6.ठंडी या गर्म खीर सर्व करें।
  • खीर में अलग स्वाद और महक के लिए आप केसर और गुलाब जल भी डाल सकते हैं|
  •                      😅😆😎😍😄😃😘😢
  • .............................X............................X..........................




करवा चौथ व्रत 2021 |

8:10 PM Posted by: Manjuji ki advice 0 comments

 करवा चौथ   की तिथि और मुहूर्त-कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस बार 24 अक्‍टूबर पड़ रही है। इसलिए करवा चौथ व्रत इस वर्ष 24 अक्टूबर को है| चतुर्थी का आरंभ 24 अक्टूबर को सुबह 24 अक्‍टूबर को रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर होगा और समापन 25 अक्टूबर की सुबह 5:43 बजे होगी।.इस साल करवा चौथ का पूजा मुहूर्त शाम 6:55 बजे से रात 8:51 बजे तक चलेगा..





करवा चौथ  व्रत-:भारत तीज त्यौहार व्रत उपवास का देश है |  ऐसा ही एक व्रत है करवा चौथ  |  भारतीय महिलाएं अपने बच्चों की खुशहाली,उनकी लम्बी आयु,अपने पति की लम्बी आयु आदि के लिए व्रत रखती हैं. |

                          

करवा चौथ व्रत हिन्दू धर्म की महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए रखती हैं.|16 वर्ष से अधिक 

आयु की कन्याएं भी अपने भावी पति की लम्बी आयु के लिए भी व्रत रखती हैं.|दिन भर उपवास 

रखकर रात में चन्द्रमा के दर्शन करके ही व्रत समाप्त करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.

                                        

करवा चौथ  व्रत  विधि-:इस दिन प्रातःकाल सुबह 4 बजे स्नान करते 

हैं फिर सास अपनी बहुओं को सेहरी देती हैं |सेहरी मैं सुबह का 

फलहारऔर सुहाग का पूरा सामान होता है |यह व्रत निर्जल और 

निराहार होता है  |दिन भर उपवास रखकर रात में चन्द्रमा के दर्शन 

करके ही जल और व्रताहार ग्रहण करते हैं |रात मैं करवा चौथ माता 

की कथा कहते हैं, और कथा के पश्चात चलनी से चांद को देखते हैं,फिर

 चालनि से अपने पति का चेहरा देखने के बाद ही अन्न जल ग्रहण कर 

व्रत समाप्त करते हैं | 
                                     


करवा चौथ  व्रत सामग्री-
:
एक करवा,  करवा माता का मूर्ति या चित्र.

एक चलनी ,  माता के लिए सुहाग की सभी सामग्री. |






करवा चौथ  व्रत 
कथा या कहानी-:महिलाओं के अखंड सौभाग्य 

का प्रतीक करवा चौथ  व्रत कथा 

 कुछ इस प्रकार है- एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की 

थी। एक बार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेठानी सहित 

उसकी सातों बहुएं और उसकी बेटी ने भी करवा चौथ  व्रत कथा रखा। रात्रि 

के समय जब साहूकार के सभी लड़के भोजन करने बैठे तो उन्होंने अपनी 

बहन से भी भोजन कर लेने को कहा। इस पर बहन ने कहा- भाई, अभी 

चांद नहीं निकला है। चांद के निकलने पर उसे अर्घ्य देकर ही मैं आज 

भोजन करूंगी।साहूकार के बेटे अपनी बहन से बहुत प्रेम करते थे, उन्हें 

अपनी बहन का भूख से व्याकुल चेहरा देख बेहद दुख हुआ। साहूकार के 

बेटे नगर के बाहर चले गए और वहां एक पेड़ पर चढ़ कर अग्नि जला दी। 

घर वापस आकर उन्होंने अपनी बहन से कहा- देखो बहन, चांद निकल 

आया है। अब तुम उन्हें अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करो। साहूकार की बेटी ने 

अपनी भाभियों से कहा- 


देखो, चांद निकल आया है, तुम लोग भी अर्घ्य देकर भोजन कर लो। ननद 

की बात सुनकर भाभियों ने कहा- बहन अभी चांद नहीं निकला है, तुम्हारे 

भाई धोखे से अग्नि जलाकर उसके प्रकाश को चांद के रूप में तुम्हें दिखा रहे 

हैं।साहूकार की बेटी अपनी भाभियों की बात को अनसुनी करते हुए भाइयों 

द्वारा दिखाए गए चांद को अर्घ्य देकर भोजन कर लिया। इस प्रकार करवा 

चौथ का व्रत भंग करने के कारण विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश साहूकार की 

लड़की पर अप्रसन्न हो गए। गणेश जी की अप्रसन्नता के कारण उस लड़की 

का पति बीमार पड़ गया और घर में बचा हुआ सारा धन उसकी बीमारी में 

लग गया। साहूकार की बेटी को जब अपने किए हुए दोषों का पता लगा तो 

उसे बहुत पश्चाताप हुआ। उसने गणेश जी से क्षमा प्रार्थना की और फिर से 

विधि-विधान पूर्वक चतुर्थी का व्रत शुरू कर दिया। उसने उपस्थित सभी 

लोगों का श्रद्धानुसार आदर किया और तदुपरांत उनसे आशीर्वाद ग्रहण 

किया।

इस प्रकार उस लड़की के श्रद्धा-भक्ति को देखकर एकदंत भगवान गणेश 

जी उसपर प्रसन्न हो गए और उसके पति को जीवनदान प्रदान किया। उसे 

सभी प्रकार के रोगों से मुक्त करके धन, संपत्ति और वैभव से युक्त कर 

दिया।कहते हैं इस प्रकार यदि कोई मनुष्य छल-कपट, अहंकार, लोभ, 

लालच को त्याग कर श्रद्धा और भक्तिभाव पूर्वक चतुर्थी का व्रत को पूर्ण 

करता है, तो वह जीवन में सभी प्रकार के दुखों और क्लेशों से मुक्त होता है 

और सुखमय जीवन व्यतीत करता है। 






               करवा चौथ माता की जय























धन तेरस 2021 ??

12:43 AM Posted by: Manjuji ki advice 0 comments

                           धन तेरस 

 हिन्दू धर्म की मान्यताओं एवं प्रथाओं के अनुसार दीपावली 5 दिन मनाई जाती है |

प्रथम दिन धन तेरस कहलाता है|इस दिन धन के देवता कुबेर अवं लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है.

इस दिन सोना,चांदी अवं स्टील की वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है.|व्यक्ति अपनी सामर्थ्य अनुसार वस्तुएं खरीदता है|

धनी व्यक्ति सोने चांदी के आभूषण,सिक्के आदि खरीदकर अपने घर के खजाने में बढ़ोतरी करते हैं.|

मध्यमवर्गीय परिवार चांदी के सिक्के, आभूषण या चम्मच खरीद कर इस दिन को शुभ करते है |

निन्नवर्गीय परिवार स्टील आदि के बर्तन खरीद कर धन तेरस को मानते हैं |पुरानी मान्यतानुसार इस दिन झाड़ू खरीदना अति शुभ होता है|

हिन्दू धर्म मैं झाड़ू को माँ लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है|

धन तेरस के इस पावन पर्व पर आप के घर माँ लक्ष्मी स्वयं पधारें
घर में धन ,धान्य की वर्षा होती रहे.इन शुभकामनाओं के साथ
शुभधन तेरस 2021|

धन तेरस पर लाओ सोने चांदी के उपहार,
लक्ष्मी की कृपा ऐसी रहे भरा रहे घर द्वार |
शुभकामनाओं के साथ
शुभधन तेरस 2021|




1)        दीप जले तो रोशन आपका संसार हो,
               पूरा हो जाए आपका जो दिल में अरमान हो
                माँ लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहे सदाआप पर,
                     इस 2021 धनतेरस पर आप बहुत धनवान हों.
                                               शुभधन तेरस 2021|
                                    😅😐😚😛😜😉

            

 2)     सोने का रथ, चांदनी की पालकी,
               बैठकर जिसमें है माँ लक्ष्मी आई,
                       देने आपको और आपके पूरे परिवार को,
                     धनतेरस 2021 की बधाई….!!!
💓💚💛😀😅
                 


माँ लक्ष्मी की कृपा आप पर बरसे,
हर कोई अपसे मिलने को तरसे |
भगवन दे आपको जी भर के खुशियां ,
 धन तेरस की मेरी तरफ से लाखों बधाइयां  ||
 शुभधन तेरस 2021|
                                    😅😐😚😛😜😉




दीपावली की सुभकामनाएँ 20020 व्हात्सप्प के लिए, Diwali wishes for whatsApp??

9:30 PM Posted by: Manjuji ki advice 0 comments

                          शुभ दीपावली 14 नवम्बर 2020


है रोशनी का त्यौहार लाये हर चेहरे पर मुस्कान ,

सुख और समृद्धि की बहार समेट लो सारी खुशियां अपार |

अपनो का साथ हो प्यार हो |

आपसब को दीवाली त्यौहार शुभ हो मंगलमय हो

                                            शुभ  दिवाली


रोशनी से दीपक की, सारा जग जगमगाए,

मुक्त हुई सीता मैय्या क्या राम जी हैं, आये,

हर शहर लागे म|नो अयोध्या हो,

आओ, हर

द्वार हर गली हर मोड़ हम दीपक जल|ये।

शुभ दीवाली

                                       💓💔😉😅😐




2020 के दीपको की ये रोशिनी,

कहती मत करना कोई नादानी |
मनाओ त्यौहार उल्लास से,

भगाओ कोरोना ज्ञान के प्रकाश से |

शुभ दीवाली 2020


दीपावली पर लक्ष्मी गणेश से यह आस,
करो कोरोना का सर्वनाश।
सब लोगो की जिन्दगी फ़िर बने खुशहाल,
हो जाये सब भारतवासी मालामाल |
शुभ दीवाली 2020



2020 की ये दिवाली रह रहकर याद ये दिलाती कोरोना से बचकर ही रहना परिवार संग,मास्क लगाकर दिवाली मनाना |
शुभ दीवाली 2020

we are wishing you happy and prousperous diwali,celebrate diwali with corona safety measures.be safe and keep others safe.
happy deepawali 2020.

दीपावली पर लक्ष्मी गणेश से ये आस.
करो कोरोना का सर्वनाश
सभी लोगो की जिंदगी बने फिर खुशहाल
हो जाएँ सब लोग मालामाल











 


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