करवा चौथ की तिथि और मुहूर्त-कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस बार 24 अक्टूबर पड़ रही है। इसलिए करवा चौथ व्रत इस वर्ष 24 अक्टूबर को है| चतुर्थी का आरंभ 24 अक्टूबर को सुबह 24 अक्टूबर को रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर होगा और समापन 25 अक्टूबर की सुबह 5:43 बजे होगी।.इस साल करवा चौथ का पूजा मुहूर्त शाम 6:55 बजे से रात 8:51 बजे तक चलेगा..
करवा चौथ व्रत हिन्दू धर्म की महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए रखती हैं.|16 वर्ष से अधिक
आयु की कन्याएं भी अपने भावी पति की लम्बी आयु के लिए भी व्रत रखती हैं.|दिन भर उपवास
रखकर रात में चन्द्रमा के दर्शन करके ही व्रत समाप्त करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.
देखो, चांद निकल आया है, तुम लोग भी अर्घ्य देकर भोजन कर लो। ननद
की बात सुनकर भाभियों ने कहा- बहन अभी चांद नहीं निकला है, तुम्हारे
भाई धोखे से अग्नि जलाकर उसके प्रकाश को चांद के रूप में तुम्हें दिखा रहे
हैं।साहूकार की बेटी अपनी भाभियों की बात को अनसुनी करते हुए भाइयों
द्वारा दिखाए गए चांद को अर्घ्य देकर भोजन कर लिया। इस प्रकार करवा
चौथ का व्रत भंग करने के कारण विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश साहूकार की
लड़की पर अप्रसन्न हो गए। गणेश जी की अप्रसन्नता के कारण उस लड़की
का पति बीमार पड़ गया और घर में बचा हुआ सारा धन उसकी बीमारी में
लग गया। साहूकार की बेटी को जब अपने किए हुए दोषों का पता लगा तो
उसे बहुत पश्चाताप हुआ। उसने गणेश जी से क्षमा प्रार्थना की और फिर से
विधि-विधान पूर्वक चतुर्थी का व्रत शुरू कर दिया। उसने उपस्थित सभी
लोगों का श्रद्धानुसार आदर किया और तदुपरांत उनसे आशीर्वाद ग्रहण
किया।
इस प्रकार उस लड़की के श्रद्धा-भक्ति को देखकर एकदंत भगवान गणेश
जी उसपर प्रसन्न हो गए और उसके पति को जीवनदान प्रदान किया। उसे
सभी प्रकार के रोगों से मुक्त करके धन, संपत्ति और वैभव से युक्त कर
दिया।कहते हैं इस प्रकार यदि कोई मनुष्य छल-कपट, अहंकार, लोभ,
लालच को त्याग कर श्रद्धा और भक्तिभाव पूर्वक चतुर्थी का व्रत को पूर्ण
करता है, तो वह जीवन में सभी प्रकार के दुखों और क्लेशों से मुक्त होता है
और सुखमय जीवन व्यतीत करता है।
करवा चौथ माता की जय