शरद पूर्णिमा ,अमृत बरसने की रात ??

9:34 PM Posted by: Manjuji ki advice 0 comments




शरद पूर्णिमा 
कब-:शरद पूर्णिमा अर्थात फुल मून डे इस बार दो दिन है 30 और 31 अक्टूबर |शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा कहते हैं। इसलिए इस दिन महालक्ष्मी की पूजा भी की जाती है। इस में शरद पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा से बहुत ही शुभ फल प्राप्त होगा। यही नहीं इस बार पूर्णिमा पर सवार्थसिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है, जो बहुत ही उत्तम योग है।



शरद पूर्णिमा क्यों मनाते हैं-: ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय महा अश्विन महीने की पूर्णिमा पर मंथन से महालक्ष्मी प्रकट हुईं। यही वजह है कि इस दिन महालक्ष्मी का पूजन किया जाता है। इस दिन रात्रि में महालक्ष्मी रात्रि में विचरण करती हैं और जो जागकर माता रानी का ध्यान करता है, उनकी मुरादें पूरी करती हैं।

शरद पूर्णिमा महत्व-:ऐसी मान्यता है कि इस दिन रात्रि में अमृत वर्षा होती है,इसलिए हिन्दू धर्म के लोग खीर बना कर अपने घर की छत पर रख देते हैं रात्रि में चन्द्रमा की चांदनी मैं अमृत बरसता है,सुबह सभी लोग इस खीर को ग्रहण करते हैं|

शरद पूर्णिमा खीर बनाने की विधि-:

सामग्रीचावल , चीनी , किशमिश , हरी इलायची, बादाम

विधि

  • 1.पैन में चावल और दूध को उबाल लें।
  • 2.हल्की आंच पर तब तक पकाएं जब तक चावल पक न जाए और दूध गाड़ा न हो जाए।
  • 3.इसके बाद इसमें इलायची पाउडर, चीनी और किशमिश मिलाएं।
  • 4.इसे लगातार तब तक चलाएं जब तक चीनी पूरी तरह न घुल जाए।
  • 5.गार्निशिंग के लिए बादाम और पिस्ता का इस्तेमाल करें।
  • 6.ठंडी या गर्म खीर सर्व करें।
  • खीर में अलग स्वाद और महक के लिए आप केसर और गुलाब जल भी डाल सकते हैं|
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